Friday, March 2, 2012

उड़ा दिया है रंग

कोई खेल रहा है रंग, कोई मचा रहा हुड़दंग
मँहगाई ने हर चेहरे का उड़ा दिया है रंग

रंग-बिरंगी होली ऐसी प्रायः सब रंगीन बने
अबीर-गुलाल छोड़ कुछ हाथों में देखो संगीन तने
खुशियाली संग कहीं कहीं पर शुरू भूख से जंग
कोई खेल रहा है रंग, कोई मचा रहा हुड़दंग
मँहगाई ने हर चेहरे का उड़ा दिया है रंग

प्रेम-रंग से अधिक आजकल रंग-चुनावी दिखते
धरती लाल हुई इस कारण काले रंग से लिखते
भाषण देकर बदल रहे वो गिरगिट जैसा रंग
कोई खेल रहा है रंग, कोई मचा रहा हुड़दंग
मँहगाई ने हर चेहरे का उड़ा दिया है रंग

सतरंगी आशाओं के संग सजनी आस लगाये
मन में होली का उमंग ले साजन प्यास बुझाये
ना आने पर रंग भंग है सुमन हुआ बदरंग
कोई खेल रहा है रंग, कोई मचा रहा हुड़दंग
मँहगाई ने हर चेहरे का उड़ा दिया है रंग

13 comments:

vidya said...

सार्थक लेखन..
बदरंग हालात हों तो फागुन का रंग किसे सूझता है..
बढ़िया रचना ...

kshama said...

Bahut badhiya!

विभूति" said...

रंगों से भरी लगी रचना.....

गुड्डोदादी said...

श्यामल
आशीर्वाद

प्रेम-रंग से अधिक आजकल रंग-चुनावी दिखते
धरती लाल हुई इस कारण काले रंग से लिखते

देश की जनता की व्यथा पर
मार्मिक झन्नाटे दार

दर्शन कौर धनोय said...

मँहगाई ने हर चेहरे का उड़ा दिया है रंग...

sahi kaha ....bahut khub !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मंहगाई से तो सारे ही त्योहार फीके पड़ गए हैं ... अच्छी प्रस्तुति

प्रवीण पाण्डेय said...

रंग उड़ा कर मँहगाई होली खेल रही है...

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

nice one...with best wishes for holi

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

वाह!
आपके इस प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 05-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ

udaya veer singh said...

होली की खुमार परवान चढ़े जीवनके सारे रंग अपने स्वरुप को सुघरता प्रदान करते हुए अनंत खुशियों को वरण करें ,होली की और सृजन की ह्रदय से बधाईयाँ जी /

Anju (Anu) Chaudhary said...

रंगों के त्यौहार ...होली की शुभकामनएं

Shanti Garg said...

बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना, शुभकामनाएँ।

Roshi said...

sabhi rachnayein bahut hi sarthak hain.........

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